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Showing posts from 2020

Kyo Naa

यूँ तो किनारे किनारे रोज़ ही हम चलें क्यों ना आज मझधार तैर कर चलें  कितनी ही बार जाते जाते लौटके आए क्यों ना आज यूँ चलें के बस वो चलें  ज़िन्दगी भर दूसरोंका दिल दुखाते ही जीये क्यों ना आज आखरी बाज़ी हार कर चलें  तमाम उम्र बीती ... बस जरूरतोंके पीछे चले क्यों न रूह को आज जिस्म से जुदा कर चलें

Yoon Hi

यु तो बात छोटी है के मैं भीगता रहा सारी रात मुझे समझाते समझाते बादल भी भीगा सारी रात  कलाई पे अपनी जब अपना ही खून देखा मैंने बस एक आखरी बार तेरे बारे में सोचा मैंने  माना के रुखसत करने का ये तरीका अजब है पर बंद आखोंसे तुम्हे देखना भी अजब है

Migrants

ये कौन लोग हैं ये कहाँ जा रहे हैं पूछो तो कहते घर जा रहे हैं जहाँ से आये थे ये भूखे आये थे जहाँ जा रहे हैं ये भूखे ही जा रहे हैं जो सड़क थी बनवाई इन्होने उसी पर से चलते जा रहे हैं निकले तो थे घर की तरफ ये घर से पहले सड़कों पर ही मरे जा रहें हैं ये कौन लोग हैं ये कहाँ जा रहे हैं  ...

Dikhai Diye Yun

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Dikhayi Diye Yoon This outstanding gazal originally penned by Mir Taqi Mir featured in the 1982 film Bazaar sung by Lata Mangeshkar set to the tune of Khayyam. This song was often played on Vividh Bharti during my teens. That’s a good 40 years ago! I never really understood the meaning then, but thanks to an internet friend now now I am able to get the sense of the words. The film highlights the tragedy of young girls being sold by needy parents to affluent Indians in the Gulf. The song is about love. And every person on the screen is experiencing a form of intense devotion or blinding desire. The song takes on a different meaning for whoever who is listening and watching. The song is picturised on a very young Shabnam (Supriya Pathak) in a small get together. Sarju (Faroukh Sheikh) is her paramour. They are accompanied by Najma (Smita Patil), her lover Akhtar (Bharat Kapoor). Salim (Naseeruddin Shah) with his unexpressed love to Najma, Nasreen (Nisha Singh) and Akhta...

Couplets

अब कोई दर नहीं खुलता खुद को भी जलादूँ मैं पर उजाला नहीं मिलता  ये कैसा अँधेरा फैल रहा है तसल्ली के लिए कोई जुगनू तक नहीं मिलता  ------------------------ x ------------------------ धुआँ तो सब कुछ छुपता है पर राख कहानियाँ छोड़ जाती है झूठे इस शोर गुल में मेरी खामोशी भी फ़साना बन जाती है ------------------------ x ------------------------ अल्फ़ाज़ नहीं मैं एहसास लिखता हूँ मुझपर जो गुजरी है, मैं वही बात लिखता हूँ ------------------------ x ------------------------ एक अजब सी उल्झन है … इन दिनो सपनोंमें जिंदगी धुंडता हूँ वरना जिंदगी में सपने कहाँ हैं ------------------------ x ------------------------

Ankhein

आँखें छुपाती हैं ज़्यादा बताती है कम याद वो आये तो हो जाती है नम इज़हार भी ये करती है तकरार भी ढाल भी है ये तलवार भी चमकती भी है ये किसी के आने से मायूस भी हो जाती है उसके जाने से धुंदलीसी यादों में  किसी को तलाशती है कभी बेखयाली में बस ... यूँ ही बरस जाती है

Alvida

न रुखसत किया ना अलविदा किया वो क्यों जुदा हुआ बताकर नहीं गया ना उसने पर्दा गिराया ना ही दिया बुझाया बस एक दिवार बनाकर चला गया शिकवा इस इंतज़ार से है रंज एक बात का है वो तो हाथ मिलाकर भी नहीं गया

One way love

किसका रास्ता तकती रहती है मेरी आंखें एक अरसा गुजर गया कोई भी तो नहीं आया हां, एक खामोश सा खालीपन है भरा पड़ा ना कभी उसने मिलने का वादा ही किया कसूर तो अपना ही था के उम्मीदोंको जगाये रखा वो दोस्ती जताते रहें और हम मोहबत तलाशते रहें अब तो ये अपनी ही मजबूरी हो गयी है के अपनी तन्हाई से बाते करता हूँ और खामोशियों से लड़ के पुरानी तस्वीरें लिए सो जाता हूँ

Ek Aur

जो ख़ुशी के बदले पाए दर्द के गीत मैंने तो सीने में अपने दफन कर दिए जज़्बात मैंने सूखे से सावन ने भिगो दिया था मुझे पर आंखों में महसूस की थी बरसात मैंने मुझसे ना पूछो सुबह के बारे में तुम्हे मालूम नहीं गुज़ारी है कैसे रात मैंने तन्हाईकी कोई बात कैसे करेगा मुझ से राज़ ये अपने ही पास रखा है मैंने

Flashback

आठवतय तूला आपली भेट झाली होती चिंब पावसाळ्यात आणि आपण मात्र चांदण्यात तरंगत होतो श्रावणाने त्याचे रंग विखुरले होते ओल्या हवेत, ओले देह शहारले होते भावनांची कविता आपण डोळ्यात वाचली होती गंधात तुझ्या-माझ्या सारी बाग बहरली होती आज पुन्हा फक्त एकदा तो पाउस येउ दे थकलेले दाटलेले हे मळभ मोकळे होऊ दे बस्स एकदा तुझी भेट व्हावी अन श्वासांची माझ्या पूर्तता व्हावी.

Sawan Ke Jhoole Pade Hain

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Jurmana – Sawan Ke Jhoole Pade Hain There some songs that appear twice in a Hindi film. Its either a happy and a sad version or sung solo by different artists. Some of RD Burman's such songs are- Mere Naina Sawan Bhado - Lata and Kishore Hamein Tumse Pyar Kitna - Parveen Sultana and Kishore Chandni Re Jhoom - Lata and Kishore Hum Bewafaa - Kishore (happy & sad versions) Tum Bin Jau Kaha - Rafi & Kishore Yaadon Ki Baarat - Lata and Rafi-Kishore There just too  many. One such song in this list is Sawan Ke Jhoole Pade Hain sung by Lata Mangeshkar and penned by Anand Bakshi for Jurmana (1979). Set in Raag Pahaadi, the faster version has a 7 beat Rupak Taal (somewhat like the beats of Chupke chupke Chal ri Puraviayya).  The slower version has a minimalist and simple music setup. The interesting part about this song is that, the Mukhda of this song does not have a rhyme scheme. Those are plain Hindi words like a sentence – “ सावन के झूले पड़े, तुम चले आओ” ...