Alvida

न रुखसत किया ना अलविदा किया
वो क्यों जुदा हुआ
बताकर नहीं गया

ना उसने पर्दा गिराया
ना ही दिया बुझाया
बस एक दिवार बनाकर चला गया

शिकवा इस इंतज़ार से है
रंज एक बात का है
वो तो हाथ मिलाकर भी नहीं गया

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