Ek Aur
जो ख़ुशी के बदले पाए दर्द के गीत मैंने
तो सीने में अपने दफन कर दिए जज़्बात मैंने
सूखे से सावन ने भिगो दिया था मुझे
पर आंखों में महसूस की थी बरसात मैंने
मुझसे ना पूछो सुबह के बारे में
तुम्हे मालूम नहीं गुज़ारी है कैसे रात मैंने
तन्हाईकी कोई बात कैसे करेगा मुझ से
राज़ ये अपने ही पास रखा है मैंने
तो सीने में अपने दफन कर दिए जज़्बात मैंने
सूखे से सावन ने भिगो दिया था मुझे
पर आंखों में महसूस की थी बरसात मैंने
मुझसे ना पूछो सुबह के बारे में
तुम्हे मालूम नहीं गुज़ारी है कैसे रात मैंने
तन्हाईकी कोई बात कैसे करेगा मुझ से
राज़ ये अपने ही पास रखा है मैंने
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