Next one is from Rog - मैंने दिलसे कहा ढूँढ लाना खुशी
"Rog" is the story of an overworked police officer who falls in love
with the woman whose murder he is investigating. He has his own
psychological problems. The film flopped probably because the of the wrong
selection of the woman who is mudered. That lady cannot act and is
nowhere is she sensual as demanded by the story line. The director
appears confused between sensuality and sexuality. Irfan Khan is first
rate as usual. The song plays in the background as he leaves the
psychologist after an attempted suicide.
मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही
बेचारा कहाँ जानता था खलिश है यह क्या खला है
शहर भर की खुशी से यह दर्द मेरा भला है
जश्न यह राज़ न आए मज़ा तोह बस गम मैं आया है
मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही
कभी है इश्क का उजाला कभी है मौत का अँधेरा
बताओ कौन भेस होगा मैं जोगी बनू या लुटेरा
कई चेहरे है इस दिल के न जाने कौनसा मेरा
मैंने दिल से कहा ढूँढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही
हजारों ऐसे फासले थे जो तै करने चले थे
राहे मगर चल पड़ी थी और पीछे हम रह गए थे
कदम दो चार चल पाये किए फेरे तेरे मन के
मैंने दिल से कहा, ढूँढ लाना खुशी
नासमझ लाया गम, तो यह गम ही सही
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