Missed Opportunities
"Missed opportunities"
ज़िन्दगी की भीड़ में सन्नाटे पलते गये
हर खुशी के नाम पर ज़ख़्म ही मिलते गये
बस एक उम्मीद की लौ दिल में जलती रही
अब समझे के हम बस ख्वाबों के जुलूस में चलते रहे।
चाँदनी न रह सकी, धूप में जो खो गये
रंग सारे पलकों से अश्क बनके रो गये
क़स्में, वादे, ख्वाब सब हवा में उड़ते रहे
हम तो वही थे, पर रास्ते बदलते रहे।
अश्क = Tears
जो सितारे साथ थे, रात में बिखर गये
ख़्वाहिशों की चादरों में चुपके से सहर गये
जिनका था सम्मान किया वो तो खुद के ही साए बन गये
उन्हीकी धुप में हम कितने साल सिहरते रहें
सिहरना = Shivers
क्यूँ नफ़रतें सीने में हर शख़्स पालता है,
क्यूँ प्यार के बदले कोई जंग डालता है?
बात जो दिलों से हो हल्की सी मुस्कान में,
वो ही सवाल तलवारों में ढलते रहे।
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