Couplet 3

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ज़िंदगी की अजब सी उलझन सुलझा रहा हूँ
या तो ख्वाहिशें दफन करु या चादर ओढ़ लू
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गर दिया जलाता हूँ तो अंधेरेको नाराज़ करता हूँ
ये वक़्त ही ऐसा है के हकीकत पर भी शक करता हूँ

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