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Just random poetry - 5

 ख़्वाहिशोंके दश्त से अब दूर तो हुआ हूँ मैं पर अपनी ही हसरतों से बेजार हुआ हूँ मैं एहसान तुम्हारा, तुम्हे ख़याल भी आया, पर   तेरे एहसासों के दरिया में, अब भी प्यासा हूँ मैं  ----- x ----

Some quotes from The Silent Revolution by Kent M Keith

Some quotes from The Silent Revolution by Kent M. Keith The Paradoxical Commandments  People are illogical, unreasonable, and self-centered. Love them anyway. If you do good, people will accuse you of selfish ulterior motives. Do good anyway. If you are successful, you will win false friends and true enemies. Succeed anyway. The good you do today will be forgotten tomorrow. Do good anyway. Honesty and frankness make you vulnerable. Be honest and frank anyway. The biggest men and women with the biggest ideas can be shot down by the smallest men and women with the smallest minds. Think big anyway. People favor underdogs but follow only top dogs. Fight for a few underdogs anyway. What you spend years building may be destroyed overnight. Build anyway. People really need help but may attack you if you do help them. Help people anyway. Give the world the best you have and you'll get kicked in the teeth. Give the world the best you have anyway. Pooja Bhatt, thanks for sharing :-)

Tya Kovalya Phoolancha

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 त्या कोवळ्या फुलांचा अनिल कांबळे यांचे गाण्याचे अर्थवाही बोल आणि श्रीधर फडकेंचा आर्त सूर -अप्रतिम संयोग.  खोकताना बाप मेला माय आजारात गेली घेऊनी देहास अपुल्या  लेक बाजारात गेली  त्या कोवळया फुलांचा बाजार पाहीला पैशात भावनेचा व्यापार पाहीला मी अंधार वेदनांनी आक्रंदतो तरीही नजरेत वासनेचा श्रृंगार पाहीला मी रस्ते उन्हात न्हाले, सगळीकडे परंतू वस्तीतूनी दिव्यांच्या अंधार पाहीला मी थोडा उजेड ज्याला मागावयास गेलो तो सूर्य ही जरासा लाचार पाहीला मी गीतकार :अनिल कांबळे गायक :श्रीधर फडके संगीतकार :श्रीधर फडके

Dil Ka Soona Saaz

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 Movie/Album: Ek Nari Do Roop (1973) Singers: Mohammed Rafi Song Lyricists: Asad Bhopali Music Director: Ganesh Director:  Madhusudan   दिल का सूना साज़ तराना ढूँढेगा तीर - ए - निगाह - ए - नाज़ निशाना ढूँढेगा मुझको मेरे बाद ज़माना ढूँढेगा   लोग मेरे ख़्वाबों को चुरा के , ढालेंगे अफ़सानों में मेरे दिल की आग बँटेगी , दुनिया के परवानों में वक़्त मेरे गीतों का ख़ज़ाना ढूँढेगा दिल का सूना साज़ ...   साथी मुझको याद करेंगे , भीगी - भीगी शामों में लेकिन इक मासूम सा दिल भी , इन सारे हँगामों में छुप - छुप के रोने का बहाना ढूँढेगा दिल का सूना साज़ ...   आस का सूरज साथ रहेगा , जब साँसों की राहों में ग़म के अंधेरे छट जायेंगे , मंज़िल होगी बाँहों में प्यार धड़कते दिल का ठिकाना ढूँढेगा दिल का सूना साज़ ...