Kaise Kaise Haadse Sahte Rahe
A gazal that has very simple words that come out of an anguished heart. Sung by Jagjit Singh
कैसे कैसे हादसे सहते रहे
फिर भी हम जीते रहे हसते रहे
उसके आ जाने की उम्मिदें लिये
रास्ता मुडमुड के हम तकतें रहें
वक्त तो गुजरा मगर कुछ इस तरह
हम चिरागों की तरह जलते रहे
कितने चेहरे थे हमारे आसपास
तुम ही तुम दिलमें मगर बसते रहे
कैसे कैसे हादसे सहते रहे
फिर भी हम जीते रहे हसते रहे
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