Seene Mein Jalan in Election

सीने में जलन Parody In Times of Election


  सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यों है
इस इलेक्शन में हर कोई सिर्फ हिन्दू, मुसलमान या दलित क्यों है

दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूंढें
इलेक्शन के बाद हर कोई सिर्फ रोटी ढूंढ़ता क्यों है

तनहाई की ये कौनसी मंज़िल है रफ़ीक़ो
कल का सड़क छाप आज सत्तावाल क्यों है

क्या कोई नई बात नज़र आती है हम में
हर इलेक्शन में हम नए शहंशाह बनवाते क्यों है

Comments

Popular posts from this blog

Paradhin Aahe Jagati Putra Manavacha

संदीप खरेच्या कविता

Ravindra Sangeet in Hindi Film Songs