False



यह कैसी नींद है जो ख़्वाब भी परेशान हैं
रंगोंमें रंगे हैं लोग ..... फिर भी हैरान हैं
 
हर कोई डूबा है जीने की सच्चाई में
खुद से उलझता है हर कोई तन्हाई में
 
ये किस जगह पे आ के मेरे कदम रुक गए
के जैसे मंज़िलोंके निशाँ मिट गए
 
शायद मेरी बेबसी मुझसे ज्यादा मशहूर है
जो ये दुनिया मुझसे दूर है

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