Incomplete



अब तो किसी से ना गिला है ना मोहब्बत
दोस्त बनके वो मिले थे बस यही है शिकायत

अब तो रातोंकी यही बन गयी है कहानी
रहे आँख में तो मोती बरस जाय तो पानी


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गर क़त्ल करोगे मेरा
तो खुशबू बन बिखर जाऊँगी
गिरे लहू कागज़ पे
तो ग़ज़ल बन जाऊँगी

बस आखोंमें छुपा के रखना
मुझे तुम .... ओझल ना होने देना
अनकही बातोंका
किस्सा ना होने देना
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