Posts

Showing posts from October, 2020

Kyo Naa

यूँ तो किनारे किनारे रोज़ ही हम चलें क्यों ना आज मझधार तैर कर चलें  कितनी ही बार जाते जाते लौटके आए क्यों ना आज यूँ चलें के बस वो चलें  ज़िन्दगी भर दूसरोंका दिल दुखाते ही जीये क्यों ना आज आखरी बाज़ी हार कर चलें  तमाम उम्र बीती ... बस जरूरतोंके पीछे चले क्यों न रूह को आज जिस्म से जुदा कर चलें